धड़कन
धड़कन के ही हाथ मे, रहे ज़िन्दगी बन्द
अपने दिल का ध्यान रख, लो इसका आनंद
प्रेम बजाये डुगडुगी, तो धड़कन दे ताल
चढ़ता फिर ऐसा नशा, लगती बहकी चाल
धड़कन की गति से पता, चल जाते हैं राज
करो छुपाकर ही यहाँ, चाहे कितने काज
दिल की धड़कन बन गये, हैं मेरे सरताज
धक धक धक दिल की लगे,उनकी ही आवाज
मेरी धड़कन में बसो, हे मेरे श्री राम
मेरी इक इक सांस हो, सिर्फ आपके नाम
21-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद