ध्वनि धर्म से हटकर सोचें
ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए मंदिर मस्जिद घर या विवाह आदि में एक ही नियम तय हो। जहां मुँह से बोलकर काम चल सकता हो लाउडस्पीकर की क्या आवश्यकता है।शोर से शांति भंग होती है।बच्चे पढ़ नहीं पाते।बीमार को अच्छा नहीं लगता। जरूरी हो तो आवाज धीमी ही रखी जाय। इसमें सभी धर्मों को एक नियम का पालन आवश्यक है। ध्वनि को धर्म के साक्षेप न रखा जाय पर्यावरण की दृष्टिकोण से देखिए। इसी में सबकी भलाई है।
✍Gn