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27 Aug 2024 · 1 min read

धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)

धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
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धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर
दूध दही माखन मिला, गौओं से चहुँ ओर
गौओं से चहुँ ओर ,गाय को माता मानें
सदा झुकाऍं शीश, सभी सुख गउ में जानें
कहते रवि कविराय,धरा गोकुल में आकर
कहें कृष्ण मैं धन्य, नित्य ही धेनु चराकर

रचयिता ःरवि प्रकाश रामपुर

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