Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2023 · 1 min read

धूप छांव

धूप छांव
********
धूप छांव का क्या है
जो समझ में नहीं आता,
ये जिंदगी की बगलगीर है
क्या इतना पढ़ना भी नहीं आता?
ज़िन्दगी में खुश रहना है तो
धूप छांव से यारी कर लो,
क्योंकि तुम्हारी औकात नहीं है
जो इससे किनारा कर लो।
धूप छांव ही तो जीने का मजा देते हैं
बस! इनसे हंसकर तो मिलो।
इस जीवन का असली आनंद तोलो
और धूप छांव संग खूब जमकर खेलों।
हंसते हुए इनका भरपूर स्वागत करो
विदा करो तो हंसते मुस्कराते हुए करो,
सच मानो जीने का अंदाज बदल जायेगा
जीवन जीने का तब भरपूर मजा आयेगा।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
Kshma Urmila
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
Ravi Prakash
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
Shweta Soni
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
Rj Anand Prajapati
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
क्रिकेटी हार
क्रिकेटी हार
Sanjay ' शून्य'
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
पूर्वार्थ
अजीब सी चुभन है दिल में
अजीब सी चुभन है दिल में
हिमांशु Kulshrestha
2326.पूर्णिका
2326.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" जलचर प्राणी "
Dr Meenu Poonia
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
Sonam Puneet Dubey
अरदास मेरी वो
अरदास मेरी वो
Mamta Rani
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
Annu Gurjar
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
घूंटती नारी काल पर भारी ?
घूंटती नारी काल पर भारी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
Loading...