धुन
बहुत क्रोध था, बहुत आक्रोश था,
बहुत जोश था, ना कुछ होश था,
बस एक धुन थी, कुछ बन जाने की
एक जिद थी, कुछ कर गुजर जाने की।
समय रुकता नहीं सो चलता गया,
बिना रुके बिना झुके बस बढ़ता गया,
मैंने भी ठान ली थी कि रुकना नहीं है
कुछ भी हो जाए पर झुकना नहीं है।
जब वक्त बदला तो हालात बदले ,
समय के साथ लोगों के जज्बात बदले,
वक्त के थपेरों से बस मैंने इतना जाना
मेहनत का मूल्य करीब से पहचाना
जुनून हो, हौसला हो तो
ईश्वर भी साथ देता है,
उम्मीद से ज्यादा बढ़कर सौगात देता है,
बढ़कर सौगात देता है।