धुआं ले लो
इश्क़ मुझे है चाहो तो इंतेहां लेलो।
दिल जिगर चैन चाहत है मेरी जां लेलो।
दहक रहा हूं तेरे वास्ते ही मैं “दीपक”
रोशनी राख काजल या धुआं लेलो।
दीपक झा रुद्रा
इश्क़ मुझे है चाहो तो इंतेहां लेलो।
दिल जिगर चैन चाहत है मेरी जां लेलो।
दहक रहा हूं तेरे वास्ते ही मैं “दीपक”
रोशनी राख काजल या धुआं लेलो।
दीपक झा रुद्रा