Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2024 · 1 min read

धीरे धीरे उन यादों को,

धीरे धीरे उन यादों को,
अब हम भुलाने लगे हैं,
नयी तस्वीर कलम से,
हम अब बनाने लगे हैं…

जख्म नासूर बन के,
जो बहुत रिसने लगे थे,
उन पर अल्फाजों का,
नया मरहम लगाने लगे हैं…

उन्हे याद करते करते,
बहुत बही हैं ये आँखे,
अपने अश्कों को हम,
रोशनाई बनाने लगे हैं….

बहुत रौंदे गए अरमान,
जब भी कहे दिल से,
उन हसरतों को अब हम,
लिखावट में लाने लगे हैं…
©विवेक’वारिद’*
(रोशनाई- स्याही)

1 Like · 119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Vivek Pandey
View all
You may also like:
इंतज़ार का मर्ज है संगीन
इंतज़ार का मर्ज है संगीन
Chitra Bisht
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
योग करते जाओ
योग करते जाओ
Sandeep Pande
That's success
That's success
Otteri Selvakumar
भारत माता के सच्चे सपूत
भारत माता के सच्चे सपूत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हर कदम प्यासा रहा...,
हर कदम प्यासा रहा...,
Priya princess panwar
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
Manisha Manjari
नवसंकल्प
नवसंकल्प
Shyam Sundar Subramanian
आप सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
आप सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
Anamika Tiwari 'annpurna '
आत्म साध्य विचार
आत्म साध्य विचार
Neeraj Mishra " नीर "
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
पंकज परिंदा
जिंदगी की राह में हर कोई,
जिंदगी की राह में हर कोई,
Yogendra Chaturwedi
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
DrLakshman Jha Parimal
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
मनोज कर्ण
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Agarwal
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
Manju sagar
चाहत
चाहत
Sûrëkhâ
तन्हाई
तन्हाई
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
.
.
*प्रणय*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
अबला सबला हो गई,
अबला सबला हो गई,
sushil sarna
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
You'll never truly understand
You'll never truly understand
पूर्वार्थ
"पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
भारत की नई तस्वीर
भारत की नई तस्वीर
Dr.Pratibha Prakash
Loading...