सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
खूब उलझता हूँ रिश्तों के जालों में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
** सीने पर गहरे घाव हैँ **
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
*नेता बेचारा फॅंसा, कभी जेल है बेल (कुंडलिया)*
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।