Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2021 · 1 min read

धर्म का धंधा

मुल्क में दहशत का माहौल मत बनाओ
बेईमानी छोड़ो और ईमान से कमाओ
धर्म को मानो अधिकार है सबको
मगर धर्म का धंधा इस कदर न चलाओ

Language: Hindi
Tag: शेर
501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
Dr. Man Mohan Krishna
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
मेनका की ‘मी टू’
मेनका की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
सृष्टि
सृष्टि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*फल*
*फल*
Dushyant Kumar
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
पहला प्यार नहीं बदला...!!
पहला प्यार नहीं बदला...!!
Ravi Betulwala
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
No love,only attraction
No love,only attraction
Bidyadhar Mantry
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अपने चरणों की धूलि बना लो
अपने चरणों की धूलि बना लो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
शेखर सिंह
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तनहाई
तनहाई
Sanjay ' शून्य'
दुनियाँ की भीड़ में।
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
Loading...