धरा के छोर सब रोशन….
उगा प्राची दिशा सूरज, धरा के छोर सब रोशन।
कहाँ ठहरे निशा बोलो, नहीं दिखता कहीं तम कन।
बड़ी हलचल मची जग में, जगी आशा-किरन मन में,
चले आओ मिरे पाहुन, तकें हम राह हर पल छन।
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
उगा प्राची दिशा सूरज, धरा के छोर सब रोशन।
कहाँ ठहरे निशा बोलो, नहीं दिखता कहीं तम कन।
बड़ी हलचल मची जग में, जगी आशा-किरन मन में,
चले आओ मिरे पाहुन, तकें हम राह हर पल छन।
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद