धरती हिंदुस्तान की
धन्य धन्य है धरा हमारी
ये भूमि बलिदान की
सबसे प्यारी सबसे न्यारी
धरती हिंदुस्तान की
जहाँ पे जन्मे राम कृष्ण
और गाथा है हनुमान की
सबसे प्यारी सबसे न्यारी
धरती हिंदुस्तान की
ये धरती है गौतम बुद्ध की
महावीर के तेज की
इसे सवांरा राजा भरत ने
ये माटी कल्याण की
यहाँ पुरु का पोरस चमका
यहाँ पराक्रम विक्रम का
राणा का स्वाभिमान जगा यहाँ
हाकिम का बलिदान यहाँ
यहाँ त्याग है पन्ना धाय का
रानी का सिरदान यहाँ
सिंह से लड़ने वाले बालक
पृथ्वी का अभिमान यहाँ
यहाँ चतुरता अकबर की है
शाहजहां का ताज यहाँ
चाणक्य की है कूटनीति और
राजा भोज महाराज यहाँ
यहाँ कवि दिनकर निराला
रसधारा रसखान की
सबसे प्यारी सबसे न्यारी
धरती हिंदुस्तान की
– पर्वत सिंह राजपूत “अधिराज”