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21 Jul 2021 · 1 min read

धरती: सायली छन्द

धरती
अपनी माता
आश्रय देती सबको
सूर्यधूप छाँव
हरियाली।

माता
जैसी सहती
कुकृत्य हमारे जब
मिलाते हम
विष।

खोदना
जोतना जलाना
सब सहकर भी
अन्न~ देती
सबको।

भार
सहती बहुत
वृक्ष सरवर गृह
मन~ मैल
सबका।

देती
समय समय
अनेक ऋतुएं बादल
सुख ~देती
सौहार्द।

स्वच्छ
वायु जल
मिले हम सबको
जब करेंगे
सहयोग।

धरती
यह ~तब
माता बनी रहेगी
कम~ होवे
वाचाल।

Language: Hindi
1 Like · 311 Views
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