Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2022 · 1 min read

धरती ये जब से जन्मी है (गीत)

धरती ये जब से जन्मी है, दिन सबके बीते जाते हैं।
फेर समय का यह कहता है,मौसम भी बदले जाते हैं।

दुख का दौर बदल कर कलतक, खुशियों में क्या ढल पाएगा?
थोड़ा धीरज खुद पर कर ले,थोड़ा खुद ही मिल जाएगा।
सुनो समय यह कहता हमसे, वक्त नहीं जीते जाते हैं।
धरती ये जब से जन्मी है…….

आज घड़ी आई है ऐसी, मौन धरा का है हर मानव।
अपना जाल बिछा कर देखो, चीख लगाता है बस दानव
चुप रहने से कभी कभी, हम सब कुछ हारे जाते हैं
धरती ये जब से जन्मी है…….

तो उठा शंख इन हाथों में, शंखनाद आगाज़ करें हम।
तीन लोक तक पहुँचेगी जो, ऐसी अब आवाज करें हम।
मिट जाए अँधियार निशा का, दीपक जब जलते जाते हैं।
धरती ये जब से जन्मी है…..

Language: Hindi
167 Views

You may also like these posts

मानसून
मानसून
Dr Archana Gupta
मानव शरीर पाकर भी
मानव शरीर पाकर भी
Shweta Soni
Ant lily Weds Elephant Tongo
Ant lily Weds Elephant Tongo
Deep Shikha
बहुरानी
बहुरानी
Shashi Mahajan
hitclub - Cổng game bài Hit Club đổi thưởng uy tín, hấp dẫn
hitclub - Cổng game bài Hit Club đổi thưởng uy tín, hấp dẫn
hitclub v3
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
कोरोना
कोरोना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी
अम्माँ मेरी संसृति - क्षितिज हमारे बाबूजी
Atul "Krishn"
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
उमा झा
*ना होना तुम उदास*
*ना होना तुम उदास*
Krishna Manshi
जॉन तुम जीवन हो
जॉन तुम जीवन हो
Aman Sinha
आओ थोड़ा मुस्करायें हम
आओ थोड़ा मुस्करायें हम
Ritu Asooja
दलितों जागो अपना उत्थान करो
दलितों जागो अपना उत्थान करो
डिजेन्द्र कुर्रे
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
Rj Anand Prajapati
अंतर मन की हलचल
अंतर मन की हलचल
कार्तिक नितिन शर्मा
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
कवि रमेशराज
*मक्खन मलिए मन लगा, चमचागिरी महान (हास्य-कुंडलिया)*
*मक्खन मलिए मन लगा, चमचागिरी महान (हास्य-कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
आर.एस. 'प्रीतम'
4. The Ultimate
4. The Ultimate
Santosh Khanna (world record holder)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
गुरूर चाँद का
गुरूर चाँद का
Satish Srijan
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
bharat gehlot
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
Loading...