धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
लेकिन जब मजदूर ही मजदूर की मजबूरी बन जाए
फिर मजदूर का हनन होता है
बेईमानी होती है
खुद्दारी चली जाती है
फिर मजदूर मजदूर नहीं रहता
महान् क्रांतिकारी बन जाता है
हर किसी के आंखों का कांटा बन जाता है।