धरती के भगवान
चारों ओर हवाओं में
लाशें जलने की बू है
ऐ धरती के भगवान,
पता नहीं कहां तू है…
(१)
मेहनतकश जनता तो
काली या पीली हुई
जितना ख़ून पिए जो
उतना ही सुर्खरू है…
(२)
आख़िर हम कैसे करें
अब तेरा भजन-कीर्तन
अनदेखा करके उसे
जो कुछ भी रूबरू है…
(३)
हो जाता तू बिल्कुल
अंधा और बहरा क्यों
जब लुटती तेरे होते
बहनों की आबरू है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#गीत #प्रेमी #टीस #दर्द #love
#गीतकार #sadsongs #प्रेम
#athiests #नास्तिक #प्रश्न
#ईश्वर #भूदेव #सरकार #चीख