धरती के भगवान
जैसे-जैसे उनसे
आसना होने लगे
खुशमिजाज़ थे हम,
संजिदा होने लगे…
(१)
यह बंदगी तभी से
कुफ्र हुई अपने लिए
कुछ लोग अचानक
जब ख़ुदा होने लगे…
(२)
वे इस कायनात के
चुने हुए लोग हैं
यही सोच कर वे
हमसे जुदा होने लगे…
(३)
कश्ती के डूबने की
वजह थे जो लोग
सैलाब के जाते ही
नाख़ुदा होने लगे…
(४)
सदियों से साज़िश रही
जिनकी रहजनों से
वही आज क़ौम के
रहनुमा होने लगे…
(५)
हमने क्या छिने हुए
अधिकारों की बात की
जिल्लेइलाही तो
हमसे ख़फ़ा होने लगे…
(६)
सबको यही हमसे
शिकायत रहती है
तुम क्या थे पहले
और क्या होने लगे…
(७)
‘शेखर’ की ग़ज़लों से
होते ही सामना
ज़ाती श्रेष्ठता के
दावे हवा होने लगे…
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Shekhar Chandra Mitra
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