Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ

मन की यति,लय, छन्द भाष में केवल उनका नाम लिखूँ।
जी करता है की धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ।।
थकते प्यासे इस जीवन को सदियों का आराम लिखूँ।
जी करता है की धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ ।।

बादल ने जैसे छोड़ा जल, वैसे छोड़ा जग ने ।
हार मान कर ठहर गया, था भूला चलना पग ने।।
तब मन ने आश्रय था माँगा चरितों से राघव के,
संकट सारे मिटे शीघ्र ही,इस मायामय भव के ।।

दृढ़ संकल्पों के राघव संग, रावण का संग्राम लिखूँ।।
जी करता है की धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ ।।

हैं राजा जो भूमण्डल के,सब के हृदयातल के।
पर विनम्रता पावन प्यारे,राघव परम् सरल के।
परमपिता ने वचन निभाए अपने पितु दशरथ के,
विपिनों के उद्धार करे जो,बन राही वनपथ के ।।

नर से नारायण बनने की यात्रा को प्रणाम लिखूँ।।
जी करता है की धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ ।।

करुणा के वरुणालय राघव, शरणागत वत्सल हैं।
मिलते राम सहज ही उनको,जो मन से निच्छल हैं।
लोक हितैषी काम करे वो,राम काम कहलाता ।
राम चरित्रों में चलकर नर, देव तुल्य बन जाता ।।

परमसत्य के आदर्शों का नित्य निरंजन धाम लिखूँ।
जी करता है की धरती के कण कण में श्री राम लिखूँ ।।

✒️©® हरीश पटेल “हर”
‌ ग्राम – तोरन, (थान खम्हरिया)
‌ बेमेतरा।

Language: Hindi
1 Like · 71 Views

You may also like these posts

हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
“अपना बना लो”
“अपना बना लो”
DrLakshman Jha Parimal
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
चुनाव का मौसम
चुनाव का मौसम
Sunny kumar kabira
बहता जल कल कल कल...!
बहता जल कल कल कल...!
पंकज परिंदा
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे  जीवन की  कमी हो  तुम
मेरे जीवन की कमी हो तुम
Sonam Puneet Dubey
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
guru saxena
रीत की वात अवं किनखs भावज
रीत की वात अवं किनखs भावज
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
याद मीरा को रही बस श्याम की
याद मीरा को रही बस श्याम की
Monika Arora
अगर मैं कहूँ
अगर मैं कहूँ
Shweta Soni
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कविता
कविता
Nmita Sharma
अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजे.
अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजे.
MEENU SHARMA
I love you Mahadev
I love you Mahadev
Arghyadeep Chakraborty
दीप
दीप
Karuna Bhalla
#अभिनंदन-
#अभिनंदन-
*प्रणय*
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
" बकरी "
Dr. Kishan tandon kranti
*छिपी रहती सरल चेहरों के, पीछे होशियारी है (हिंदी गजल)*
*छिपी रहती सरल चेहरों के, पीछे होशियारी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वादों की रस्सी में तनाव आ गया है
वादों की रस्सी में तनाव आ गया है
sushil yadav
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
Ajit Kumar "Karn"
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
No love,only attraction
No love,only attraction
Bidyadhar Mantry
- हौसलो की उड़ान -
- हौसलो की उड़ान -
bharat gehlot
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
Loading...