धरती के आगे
इस धरती के आगे
आसमान और भी है
जहां तेरे जैसे बेजुबान
और भी है ।
दुखों से घबराकर
हताश न होना
उम्मीदों के सामान
और भी है ।
छोड़ दे खुद पर
अनवरत तरस खाना
हौसलों के मुकाम
और भी है ।
चित्रा बिष्ट
इस धरती के आगे
आसमान और भी है
जहां तेरे जैसे बेजुबान
और भी है ।
दुखों से घबराकर
हताश न होना
उम्मीदों के सामान
और भी है ।
छोड़ दे खुद पर
अनवरत तरस खाना
हौसलों के मुकाम
और भी है ।
चित्रा बिष्ट