धन्य है परसाई जी
हरिशंकर परसाई ने
सच लिखा है-
‘भेड़िये’ यानी
जनता के
कथित प्रतिनिधियों के
आसपास
‘सियार’ यानी चमचे
या कहूँ
बिचौलिए या दलाल
अवश्य
बैठे रहते हैं ?
ताकझाँक
आसान नहीं,
अवसान लिए है !
हरिशंकर परसाई ने
सच लिखा है-
‘भेड़िये’ यानी
जनता के
कथित प्रतिनिधियों के
आसपास
‘सियार’ यानी चमचे
या कहूँ
बिचौलिए या दलाल
अवश्य
बैठे रहते हैं ?
ताकझाँक
आसान नहीं,
अवसान लिए है !