*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
धन्य तुम मॉं सिंह पर, रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)
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धन्य तुम मॉं शक्ति-विद्या, बुद्धि का भंडार हो
धन्य तुम मॉं अष्टभुजधारी लिए तलवार हो
जीत लेती हो हमेशा, हर असुर को युद्ध में
धन्य तुम मॉं सिंह पर, रहती सदैव सवार हो
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451