धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
मैं
सत्य
कायम
कर रहा
लिख सत्य को
झूठ से दो हाथ
करता चल रहा
बढ़ रहा हूँ आज
मानव मूल्य को
खुद पिरोने
चल पड़ा
इंसान
इक
मैं।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
धनुष वर्ण पिरामिड
मैं
सत्य
कायम
कर रहा
लिख सत्य को
झूठ से दो हाथ
करता चल रहा
बढ़ रहा हूँ आज
मानव मूल्य को
खुद पिरोने
चल पड़ा
इंसान
इक
मैं।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।