धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
पी
कर
गरमी
शांत करो
नील गगन
में उड़ते जाना
फिर धरती पर
नित धीरे पीना है
कंचन प्याला को
नहीं छोड़ना
डट कर
रहना
जीना
तू।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
धनुष वर्ण पिरामिड
पी
कर
गरमी
शांत करो
नील गगन
में उड़ते जाना
फिर धरती पर
नित धीरे पीना है
कंचन प्याला को
नहीं छोड़ना
डट कर
रहना
जीना
तू।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।