धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
जो
जब
चाहेगा
पा जाएगा
अमृत भोग
अगर दिल में
शुचिता कायम है
जहां न पावनता
नहीं निर्मलता
वही जहर
टूटा घर
दूषित
नर
हैं।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
धनुष वर्ण पिरामिड
जो
जब
चाहेगा
पा जाएगा
अमृत भोग
अगर दिल में
शुचिता कायम है
जहां न पावनता
नहीं निर्मलता
वही जहर
टूटा घर
दूषित
नर
हैं।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।