*धनिक का कोई निर्धन आज रिश्तेदार शायद है (मुक्तक)*
धनिक का कोई निर्धन आज रिश्तेदार शायद है (मुक्तक)
सुदामा-कृष्ण की मैत्री का अब व्यवहार शायद है
बिना मतलब के संबंधों का अब विस्तार शायद है
गले मिलने से पहले लोग पद को पूछ लेते हैं
धनिक का कोई निर्धन आज रिश्तेदार शायद है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451