धनतेरस
धनतेरस
प्रकट धन्वन्तरि,अमृत कलश छलके
मांगल्यपूरित पदरोपण श्री चंचल के
विपन्न-विनाश,अपार धन बरसे
अपरम्पार रिद्धि सिद्धि से भरके
साकार सकल स्वप्न हो
धनतेरस धन्य-धान्य सम्पन्न हो
प्रचुर सम्पदा, विपुल परितोष
समृद्धि सतत संवृद्धि, पूर्ण कोष
वैकुंठवासिनी सर्वभूतहितप्रदा
रहे नित्यपुष्ट अनुग्रह सर्वदा
चहुँ सर्वमंगल,हर्षोल्लास सदा हो
आरोग्य-आच्छादित वसुधा हो।
-©नवल किशोर सिंह