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7 May 2024 · 1 min read

धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,

धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
नन्हीं-सी एक खुशी साथ तुम्हारे रहती है!!

चांदनी ज्यों ज्यों तेरी सूरत पे बरसती है,
ये आंखें बस तेरी इबादत को तरसती है!!

मैं तमाम रात गहरी नींद से जागा हुआ हूं,
तू दिल में ख़्वाब-ओ-ख़याल सी बसती है!!

बस तेरी यादें गिरवी रख ली मैंने सहेज के,
मेरे धड़कनों में बस तेरी ही जान बसती है!!

आया है जब से ज़िक्र तेरा बेबस जुबां पर,
यूं यादें ठहरती है बस सांसें तेज़ चलती है!!

तेरी इन धड़कनों में बस मैं ही धड़कता हूं,
मेरी इन धड़कनों में बस तू ही धड़कती है!!

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
56 Views

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