द्विपदी
किसी ने गर जो मेरे ग़म को तराशा होता
हम भी कोयले से वह हीरा बन गए होते
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प्यार को रिश्ते में बांधना नहीं लगता अच्छा
बस उनका आना लगे भला और जाना बुरा।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
किसी ने गर जो मेरे ग़म को तराशा होता
हम भी कोयले से वह हीरा बन गए होते
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प्यार को रिश्ते में बांधना नहीं लगता अच्छा
बस उनका आना लगे भला और जाना बुरा।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल