द्वार पर जब कभी हवा से आहट होती है
द्वार पर जब कभी हवा से आहट होती हैं,
तेरे आने की खशबू मुझे आने लगती है।
दिल में बसे हो तुम मेरे देखने के लिए ,
गर्दन झुका लेती हूं तुझे देखने के लिए।
उठती हैं जब कसक दिल में तुझ से मिलने के लिए,
तेरी तस्वीर गले लगा लेती हूं तुझ से मिलने के लिए।
जैसे ही दिन और रात का मिलन होने लगता है,
तुमसे मिलने के लिए ये दिल मचलने लगता है।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम