दौलत पर क्या मरना!
ये तो जिंदगी की कहानी है
हाथ का मैल है दौलत
इसके लिए गुमान कैसा?
पा जाने पर इतराना!!!
आज आई है
मगर कल शर्तिया जानी है…
ये तो जिंदगी की कहानी है
तुम्हे दिखाई नहीं दे रहा क्या?
कभी भाई को
भाई का बैरी बना दे
कभी भाई और बहन को
लड़ा दे
ऐसी दौलत को तो
आग लगाना अच्छा
कभी अलमस्त फक्कड़ों को देखो
उनकी
जिंदगानी कैसी सुहानी है!!!
परवाह नहीं कल की
सांसों में पानी की सी रवानी है
ये ही तो जिंदगी की कहानी है