दौर
हम पास आने में हिचक जाते थे ,तुम उस ठौर में थे।
तुम तन्हाइयों की काफिर सी ,निगाह -ए- गौर में थे।
हमने तुम्हारी बदनसीबी को ताक पर रखना मुनासिब
न समझा,
तुम उस वक्त मुसीबतों और परेशानियों के दौर में थे।
– सिद्धार्थ
हम पास आने में हिचक जाते थे ,तुम उस ठौर में थे।
तुम तन्हाइयों की काफिर सी ,निगाह -ए- गौर में थे।
हमने तुम्हारी बदनसीबी को ताक पर रखना मुनासिब
न समझा,
तुम उस वक्त मुसीबतों और परेशानियों के दौर में थे।
– सिद्धार्थ