दौरे हाज़िर की सियासत में शराफ़त कम है
दौरे हाज़िर की सियासत में शराफ़त कम है
सिर्फ़ वादे हैं बहाने हैं सदाक़त कम है
भूख दौलत की किसी को है नशा ताक़त का
कलयुगी वक़्त है ज़ज़्बात की क़ीमत कम है
गौर से देखिए घर घर की कहानी है यही
भाई भाई में अदावत है , मुहब्बत कम है
मतलबी लोग हैं , मतलब के लिए मिलते हैं
दोस्त बनकर के निभाने की रिवायत कम है
चटपटी और मज़ेदार ख़बर की ख़ातिर
वो ही छपती है ख़बर जिसमें सदाक़त कम है
छोड़कर आप हमें दूर गए हैं ‘आनन्द’
जिस्म बेजान सा लगता है हरारत कम है
– डॉ आनन्द किशोर