प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हम प्यार तुमसे कर सकते नहीं
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
धैर्य बनाये रखे शुरुआत में हर कार्य कठिन होता हैं पीरी धीरे-
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता