Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2020 · 1 min read

दो हाइकु .. ना तेल, ना बाती l

ना तेल, ना बाती l
खोखला खाली दिया l
कैसे दे ज्योती l …. १

बन जा रेती l
हाथों में ना टिकती l
जो ना सहती l

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
3 Likes · 356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
महाकाल
महाकाल
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
#आलेख-
#आलेख-
*प्रणय प्रभात*
*🌸बाजार *🌸
*🌸बाजार *🌸
Mahima shukla
“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
DrLakshman Jha Parimal
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
मैं हमेशा अकेली इसलिए रह  जाती हूँ
मैं हमेशा अकेली इसलिए रह जाती हूँ
Amrita Srivastava
अपने वतन पर सरफ़रोश
अपने वतन पर सरफ़रोश
gurudeenverma198
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेहनत कर तू फल होगा
मेहनत कर तू फल होगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सेवा निवृत काल
सेवा निवृत काल
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
3184.*पूर्णिका*
3184.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्नेह
स्नेह
Shashi Mahajan
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
Jyoti Khari
Loading...