Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2020 · 1 min read

दो हंसो का जोडा़ हम

दो हंसो का जोडा़ हम
आधा आधा पुरा हम

ईकाई मै ईकाई तुम
दोनो मिलकर दहाई हम
हम लिलें तो शब्द बने
जैसे कागज स्याही हम
हवा बसंती मस्त बयार
तो झूलों का हिलोडा़ हम

दो हंसो का जोडा़ हम
आधा आधा पुरा हम

राधा कृष्ण सी निर्मलता हम में
प्रेम कि उज्वलता हम में
सिताराम ह्रदय विराजे
चांद कि सितलता हम में
हम्हीं हैं दिन रात और
साम और सवेरा हम

दो हंसो का जोडा़ हम
आधा आधा पुरा हम

अपना और पराया हम से
धन दौलत कि माया हम से
गुलाब कि खुशबु हम हैं
पिपल कि छाया हम से
जितना आधा धरती अंबर
उतना हि अधुरा हम

दो हंसो का जोडा़ हम
आधा आधा पुरा हम

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 373 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
कवि रमेशराज
नैतिकता की नींव पर प्रारंभ किये गये किसी भी व्यवसाय की सफलता
नैतिकता की नींव पर प्रारंभ किये गये किसी भी व्यवसाय की सफलता
Paras Nath Jha
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"आत्मा की वीणा"
Dr. Kishan tandon kranti
***संशय***
***संशय***
प्रेमदास वसु सुरेखा
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Dr Parveen Thakur
तुम न समझ पाओगे .....
तुम न समझ पाओगे .....
sushil sarna
मैं गहरा दर्द हूँ
मैं गहरा दर्द हूँ
'अशांत' शेखर
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देश के संविधान का भी
देश के संविधान का भी
Dr fauzia Naseem shad
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
Srishty Bansal
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
मेरे दिल की गहराई में,
मेरे दिल की गहराई में,
Dr. Man Mohan Krishna
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
बड़े हौसले से है परवाज करता,
बड़े हौसले से है परवाज करता,
Satish Srijan
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
2496.पूर्णिका
2496.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
निगाहें
निगाहें
Shyam Sundar Subramanian
वैशाख की धूप
वैशाख की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...