दो लफ़्ज़ मोहब्बत के दो लफ़्ज़ मोहब्बत के असर करते हैं इतना । ज़ख़्मों को फिर मरहम की ज़रूरत नहीं होती ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद