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17 Feb 2023 · 1 min read

#दो मोती

। । ओ३म् । ।

◆ स्मृतिमंजूषा से
🟡 #दो मोती 🟣
एक नया – एक पुराना ◆

🟡 #पुराना :

अमेरिकावासी हो चुके मेरे बड़े भ्राताश्री, मेरे वीर जी, ओमप्रकाश लाम्बा जी, जब लुधियाना के सी.ऐम.सी. अस्पताल में कार्यरत थे, तब अस्पताल से घर आते-जाते किसी भी राह चलते को अपनी साईकिल के पीछे बैठा लिया करते।

उनके इस कार्य का महत्व तब और भी स्पष्ट दीखता था जब गर्मी के दिनों में नीचे धरती तपती और ऊपर आकाश से आग बरसती थी।

उनकी इस जनसेवा की घर में जानकारी धीमे-धीमे हुई।

वो ऐसा क्यों किया करते थे?

यह उनके स्वभाव में था। और, मुझे उनका छोटा भाई होने में गर्व का अनुभव होता है।

#प्रणाम !

🟣 #नया :

मेरे वीर जी का नवासा #इसाक #पंजाबी भाषा समझ लेता है और बोल भी लेता है। क्योंकि, यह हमारी मातृभाषा है।

#इसाक #हिंदी भी समझ और बोल लेता है। #हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है न, इसलिए।

#मराठी भाषा भी समझ-बोल लेता है #इसाक, क्योंकि यह उसकी नानी की मातृभाषा है।

#इसाक अमेरिकी नागरिक होने के कारण #अंग्रेजी भाषा समझता व बोलता भी है।

और, #इसाक #हब्रू भाषा समझ़ता भी है और बोलता भी है। #हब्रू भाषा उसके पिता की मातृभाषा है।

लेकिन, #इसाक कोई भी भाषा लिख नहीं पाता क्योंकि अभी वो पाँच वर्ष का भी नहीं हुआ, इसलिए।

#शुभाशीष !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२

Language: Hindi
50 Views
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