Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2022 · 1 min read

दो मुक्तक

दो मुक्तक
******
जिंदगी
******
सोचिए तो किस लिए हमको मिली है जिंदगी ,
शूल के संँग फूल सी डाली खिली है जिंदगी ,
अब हमें हर दर्द अपना यार सा लगने लगा ,
पांव के छालों सरीखी नित छिली है जिंदगी ।

******
मोबाइल
******
तार, चिट्ठी, कैमरा, घड़ियां, कलेंडर, खा गया ।
हाथ में जब से हमारे ये मो’बाइल आ गया ।।
है बहुत बेदर्द बचपन को निगलने अब लगा ।
जब से बच्चों‌ के दिलों‌ को ये निगोड़ा भा गया ।।
०००
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
काम से राम के ओर।
काम से राम के ओर।
Acharya Rama Nand Mandal
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बधाई
बधाई
Satish Srijan
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr Shweta sood
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
एक बेटी हूं मैं
एक बेटी हूं मैं
अनिल "आदर्श"
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
तुझे खुश देखना चाहता था
तुझे खुश देखना चाहता था
Kumar lalit
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पुण्य आत्मा
पुण्य आत्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
gurudeenverma198
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
Ravi Prakash
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
मैं हु दीवाना तेरा
मैं हु दीवाना तेरा
Basant Bhagawan Roy
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
युवराज को जबरन
युवराज को जबरन "लंगोट" धारण कराने की कोशिश का अंतिम दिन आज।
*Author प्रणय प्रभात*
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हसरतों के गांव में
हसरतों के गांव में
Harminder Kaur
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
💐प्रेम कौतुक-558💐
💐प्रेम कौतुक-558💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
Mental health
Mental health
Bidyadhar Mantry
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
Loading...