Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2022 · 1 min read

दो पँक्ति दिल की

◆इश्क़ ग़ुज़ारिश करते रहे चलते रहे हैं राही बनकर
◆ऐ ख़ुदा देना जवाब हर इक साँ का गवाही बनकर
©® प्रेमयाद कुमार नवीन

342 Views

You may also like these posts

मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
कर्मों का बहीखाता
कर्मों का बहीखाता
Sudhir srivastava
*इंसानियत का कत्ल*
*इंसानियत का कत्ल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4487.*पूर्णिका*
4487.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जमाने से विद लेकर....
जमाने से विद लेकर....
Neeraj Mishra " नीर "
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
श्वेत  बस  इल्बास रखिये और चलिए।
श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
ruby kumari
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
कमी
कमी
Otteri Selvakumar
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅आप ही बताएं🙅
🙅आप ही बताएं🙅
*प्रणय*
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
धनतेरस
धनतेरस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
ख्वाबों का सच
ख्वाबों का सच
Ritu Asooja
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अल्फ़ाज़ हमारे”
अल्फ़ाज़ हमारे”
Yogendra Chaturwedi
"लफ्ज़...!!"
Ravi Betulwala
हम राज़ अपने हर किसी को  खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
Dr Archana Gupta
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
मेहनत ही सफलता
मेहनत ही सफलता
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
ऋषि 'अष्टावक्र'
ऋषि 'अष्टावक्र'
Indu Singh
पर्वत हैं तो धरती का श्रंगार है
पर्वत हैं तो धरती का श्रंगार है
श्रीकृष्ण शुक्ल
दीदार
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
Loading...