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30 Oct 2016 · 1 min read

दो नैनो से तीर/मंदीप

दो नैनो से तीर/मंदीप

दो नैनो से दिल पर तीर ना चलाया करो,
होती दिल में हलचल गुर कर ना लखाया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~

सर्म है आती हम को भी,
यूँ बीच बाजार नजर ना लड़ाया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~

आती नही समज हम को इन आँखो की,
कुछ बोल कर हम को समझाया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

करती कत्ल तम्हारी नजर आये दिन मरे दिल का,
इन पर जुल्फों का साया ना गिराया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~

है कितनी गहरी खूबसूरत ये दो आँखे,
नजर काला टिका लगा कर निकला करों।
~~~~~~~~~~~~~~~~~

है मेरी नजरो ने तुम्हारी नजरो से प्यार,
यूँ सब के बीच हम को ना रुलाया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~~

अगर हो जाये “मंदीप” से गलती कभी,
झुकी हुई उसकी नजरो को समज जाया करो।

मंदीपसाई

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