Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2021 · 1 min read

दो दिन का बसेरा

****सुन तो ज़रा (ग़ज़ल)***
***********************

दिल की है बात सुन तो ज़रा,
आई बरसात सुन तो ज़रा।

तारो ने भी दुहाई भरी,
कातिल है रात सुन तो ज़रा।

सोचो समझो रखो तुम कदम,
जालिम है साथ सुन तो ज़रा।

हमको कोई समझ ही नहीं,
खाई है मात सुन तो ज़रा।

अपनों ने ही जफ़ा दी सदा,
मारी है लात सुन तो ज़रा।

यारों ने ही सदा दी है वफ़ा,
दी है सौगात सुन तो ज़रा।

मनसीरत यार मिलते नहीं,
सूनी बारात सुन तो ज़रा।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*गणेश जी (बाल कविता)*
*गणेश जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
VEDANTA PATEL
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
Rj Anand Prajapati
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
Satya Prakash Sharma
Game of the time
Game of the time
Mangilal 713
कृषक
कृषक
Shaily
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
क्षणभंगुर
क्षणभंगुर
Vivek Pandey
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नसीहत वो सत्य है, जिसे
नसीहत वो सत्य है, जिसे
Ranjeet kumar patre
किसी को फर्क भी नही पड़ता
किसी को फर्क भी नही पड़ता
पूर्वार्थ
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
2886.*पूर्णिका*
2886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
शेखर सिंह
दरिया का किनारा हूं,
दरिया का किनारा हूं,
Sanjay ' शून्य'
ശവദാഹം
ശവദാഹം
Heera S
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
Kanchan Alok Malu
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
" क्यों "
Dr. Kishan tandon kranti
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शतरंज
शतरंज
भवेश
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हंस काग दोनो पढें.
हंस काग दोनो पढें.
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
🙅बदलाव🙅
🙅बदलाव🙅
*प्रणय*
Loading...