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6 Jun 2021 · 1 min read

दो तांका जापानी कविता- वन

दो तांका जापानी छंद- जंगल

1

वन मिटाते
दौलत की खातिर।
विनाश लाते,
मुफ्त में ऑक्सीजन
फिर कहां से पाते।।

***

2

पेड़ बचाएं
पौधारोपण कर।
ऋण उतारे।
हरियाली को लाये।
बीमारियां भगाये।।
***

कवि- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com

Language: Hindi
2 Likes · 538 Views
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