दो टूक
लोग सस्ते हो गए हैं ,,वस्तुएं महंगी हुईं
अब क़यामत के मुझे दिखने लगे आसार हैं,,
क्या बुरा है क्या है अच्छा कुछ नहीं मालूम
आग के इन जंगलो में जल के नहीं आसार हैं ,,,,,,,,( सतीश )
लोग सस्ते हो गए हैं ,,वस्तुएं महंगी हुईं
अब क़यामत के मुझे दिखने लगे आसार हैं,,
क्या बुरा है क्या है अच्छा कुछ नहीं मालूम
आग के इन जंगलो में जल के नहीं आसार हैं ,,,,,,,,( सतीश )