दो चार यार.पुराने
मिलते जब दो चार यार पुराने
याद करें पुरानी बातें अफसाने
करते हैं वो याद बीती घटनाएं
जो घटित हुई थी जाने अंजाने
आ जाती सब स्मृति पटल पर
बातें मुलाकातें मधुरिम याराने
जिसकी जिनसे खूब पटती थी
उन बालाओं के जो नाम पुराने
बचफन जवानी की नादानियाँ
याद कर हँसतें हैं यार परवानें
शिक्षकों को खूब याद करते हैं
याद करें रखे उनके नाम पुराने
कैसे किसको कब तवा लगाया
बताते अपनाई जो चाल फसाने
सच्ची झूठी सब प्रेम कहानियाँ
याद करें बीते अफसाने दीवानें
बचपन की चोरी हँसी ठिठोली
याद करें ठेके थाने सब ठिकाने
घर से चोरी व्हिस्की की चुस्की
अंडा भुर्जी मीट के स्वाद पुराने
माशूक का घर तक पीछा करते
उनके भाई से पूछें पत्ते ठिकाने
बंक मार के फिल्में जो थी देखी
बैठा सर देख आते होश ठिकाने
कभी कभी लड़ झगड़ पड़ते थे
लग जाते थे तब रूठों को मनाने
सच्ची मित्रता ,जो निभती आई
निभती रहे दुआ करें यार पुराने
मिलते जब दो चार यार पुराने
याद करें पुरानी बातें अफसाने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत