दो चार करेंगे
हम आपसे आँखे फिर दो चार करेंगे
हर रोज नये रूप में स्वीकार करेंगे
फेरे हमने सात लगाये संग तेरे
तेरे पर हम तो फिर से ही अधिकार करेंगे
गर बात हमारी सब मानो यदि तुम तो
तब हम सबके साथ ही परिवार करेंगे
तीखे बन जाओ जब मेरे ही लिए तो
जीना हम तेरा तब दुश्वार करेंगें
जब प्यार भरी बात करोगे हमसे तो
जीवन तुम पर हम फिर आभार करेंगे
जब छोड़ के हमको तुम जाओगे कहीँ तो
वापस तब आने पर पुचकार करेंगे
जीवन भर हम साथ निभाये अब तेरा
सच्ची कहते है कि न हथियार करेंगे
बाधा यदि आये न निभा साथ मैं पाऊँ
मैं छोड़ू न तुमको तब गद्दार करेंगे
जब नींद हमें रात न आयें बिन तेरे
तब प्यार करो तुम यह इजहार करेंगे
हमको बरसों बाद मिला है प्रियतम जो
जी भर हम उसका अब दीदार करेंगे
मीठी मधु शाला से भरी कैसे तुम हो
अब हम मधु भावों का व्यापार करेंगे
डॉ मधु त्रिवेदी