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18 Jan 2022 · 3 min read

दो घनिष्ठ मित्र

एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे महेंद्र और छैलु| दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर में किसी प्रकार के संसाधनों की कोई कमी नहीं थी | एक दूसरे की पढ़ाई में भी मदद किया करते थे | दोनों दोस्त महेंद्र और छैलु एक ही महाविद्यालय मे पढते थें यह महाविद्यालय गाँव से दूर स्थित शहर मे पडता था दोनों परिवार के सदस्यों में बहुत ही ज्यादा प्रेम था | एक दूसरे की परेशानियों का उन्हें भान था | थोड़ी बहुत जमीन भी थी जिस पर दैनिक आवश्यकता की चीजें उगाया करते थे |
आसपास के सभी लोग इनकी दोस्ती की मिसालें दिया करते थे दोनो की मित्रता की कोई सीमा नहीं थी| वह बडे होकर बिजनेस मैन बनना चाहते थे तो प्रोपर्टी खरीद कर बीजेनेस की शुरुआत करना चाहते थें!महेंद्र गाँव में ही जमीन खरीद रहा है जिसकी जानकारी छैलु को भी है और वह बहुत खुश भी है कि उसका दोस्त जमीन खरीद रहा है | जमीन की रजिस्ट्री का दिन करीब है और छैलु कहता है कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा क्योंकि इतने सारे पैसे अकेले ले जाना परेशानी का सबब हो सकता है | महेन्द्र हाँ कर देता है | किन्तु जिस दिन महेंद्र को तहसील जाना होता है ठीक एक दिन पहले महेंद्र फ़ोन पर छैलु को साथ ले जाने से मना कर देता है | छैलु को समझ नहीं आता कि उसका सबसे ( घनिष्ठ मित्र )अच्छा दोस्त ऐसा क्यों कर रहा है | छैलु को बुरा तो लगता है पर वह कुछ कहता नहीं |
रजिस्ट्री के दिन महेंद्र अपने साथ दस लाख रुपये लेकर घर से तहसील के लिए अकेले ही रवाना होता है | रास्ते में घात लगाकर बैठे दो लुटेरे महेंद्र पर हमला कर देते हैं और पैसे छीनने की कोशिश करते हैं | इसी बीच छैलु आकर महेंद्र को उन लुटेरों से बचा लेता है | महेंद्र को समझ नहीं आ रहा था कि उसका दोस्त छैलु अचानक कैसे उसे बचाने के लिए आ गया | जबकि उसने तो उसे अपने साथ आने से मना कर दिया था | महेंद्र को अपने किये पर बहुत पश्चाताप होता है और छैलु के इस उत्तम कृत्य के लिए वह उसे शुक्रिया अदा करता है
छैलु न चाहकर भी महेंद्र से पूछ बैठता है कि आखिर उसके दोस्त ने उसे तहसील आने के लिए मना क्यों किया | तब महेंद्र कहता है कि दो दिन पहले उसने घर पर रखी एक पत्रिका में एक कहानी पढ़ी जिसमें एक दोस्त पैसों के लालच में दूसरे दोस्त की हत्या कर देता है | इस कहानी का मुझ पर इतना गहरा असर क्यों हुआ मुझे पता नहीं | और मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त पर शक कर बैठा |
तब छैलु कहता है कि जो कहानी तुमने पढ़ी वैसी ही एक कहानी मैंने भी कल ही पढ़ी जिसका नाम था “ दो दोस्त “ जिसमें एक दोस्त अपने दोस्त की जान बचाने के लिए खुद की जान पर खेल जाता है | पर अपने दोस्त पर आंच नहीं आने देता | अब तुम्हीं बताओ मेरे दोस्त मैं तुम्हें मुसीबत में कैसे देख सकता हूँ | हम दोनों अच्छे दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे |
महेंद्र अपने दोस्त छैलु को गले लगा लेता है और फूट – फूटकर रोने लगता है | छैलु, महेंद्र को सांत्वना देता है | दोनों तहसील की ओर चल देते हैं |

मौलिक कहानी
?लेखक??अभिषेक बोस (जेताराम) विशाला
सायला(जालौर)343032

Language: Hindi
1 Like · 483 Views
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