दो गज दूरी
ना हो मायूस ए दिल अब तो साथ इसी के जीना है,
इसी के साथ हंसना है और इसी के साथ रोना है,
रखो तुम थोड़ी सी सावधानी थोड़ी मैं भी रखता हूँ,
मिलते रहें हम सब आगे भी यही प्रार्थना करना है।
इंजीनियर संजय श्रीवास्तव
ना हो मायूस ए दिल अब तो साथ इसी के जीना है,
इसी के साथ हंसना है और इसी के साथ रोना है,
रखो तुम थोड़ी सी सावधानी थोड़ी मैं भी रखता हूँ,
मिलते रहें हम सब आगे भी यही प्रार्थना करना है।
इंजीनियर संजय श्रीवास्तव