“दो क्षणिकाएँ “
“क्षणिका”
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मैं ही निकला,
कुछ कमअक्ल;
वो आया,
और समझा गया,
मुझे! मेरी ही,
बात का मतलब?
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—- “क्षणिका”——–
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वो जो
दो पल
थे ख़ुशी के;
पास मेरे,
चुरा लिये तुमने,
सदा के लिये;
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राजेश”ललित”शर्मा———————