दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】
दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】
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1- टीका
टीका करने से अगर, जाते सारे रोग।
बिना दवा के साथियों, होते सभी निरोग।
होते सभी निरोग, सभी के बचते पैसे।
बच्चे और जवान, नहीं मर जाते ऐसे।
खसरा टीबी रोग, पोलियो या हो जीका।
रहते हैं सब दूर, अगर लगवा लो टीका।।
2- शोर
ध्वनि विस्तारक यन्त्र से, क्यों करते हो शोर।
मन में गाओ कृष्ण तुम, चाहे अवधकिशोर।
चाहे अवधकिशोर, शोर से मन है व्याकुल।
टूट रहा है हाय, आज यह धीरज का पुल।
निकट परीक्षा और, शोर कितना है व्यापक।
ले ही लेगा जान, लगे है ध्वनि विस्तारक।।
– आकाश महेशपुरी