दो कदम हम चले
दो कदम हम चले
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दो कदम तुम चले,
दो कदम हम चले।
राह में जो मिले,
साथ हर दम चले।
मौत हो सामने,
यार हमदम चले।
रंज का तंज हो,
संग हैं गम चले।
हैं खुशी भी नहीं,
नैन कर नम चले।
चाह सीरत मिली,
आप मैं हम चले।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)