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27 Apr 2023 · 1 min read

***दो और दो चार होते हैं***

***दो और दो चार होते हैं***
***********************

दो और दो तो चार होते हैं,
जान से प्यारे यार होते हैं।

हिम्मत ए मददगार हो खुदा,
जीत के वही हकदार होते हैं।

न खुद की जान की परवाह,
वही काबिल सरदार होते हैं।

मानवता की डोर जो बांधते,
भोले भाले किरदार होते है।

मनसीरत सुख दुख के साथी,
दिल के बड़े दिलदार होते हैं।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
261 Views
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